Chandrayaan-3 :चंद्रयान-3 ने लैंडिंग से पहले पृथ्वीवासियों को भेजा संदेश
चंद्रयान-3 मिशन: मानो किसी युवक ने विदेश से पत्र और अब तस्वीरें भेजकर बताया हो कि मैं यहां हूं आप अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती भी कर सकते हैं। दूसरे लोगों में ईर्ष्या की भावना पर चुटकी लीजिए हमारा Chandrayaan-3 भी पृथ्वीवासियों को कुछ ऐसा ही संदेश दे रहा है उसने संदेश भेजा है कि वह चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया है
अगर चांद पर लोग होते और हमारा चंद्रयान बोल पाता तो शायद इस वक्त भी यही गाना गा रहा होता- ऐ चांद वालों मुझे पहचानो। मैं कौन हूँ जो धरती से आया हूँ मैं चंद्रयान हूँ। हां इस पल के उत्साह को केवल भारतीय ही महसूस कर सकते हैं। हमारा चंद्रयान चंदा मामा के क्षेत्र में पहुंच गया है जैसे-जैसे यह करीब आ रहा है यह पृथ्वी पर संदेश भी भेज रहा है।
दरअसल ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन नाम से एक ट्विटर हैंडल बनाया है। इससे आने वाले संदेश को एक तरह से चंद्रयान-3 का संदेश समझें कुछ घंटे पहले ISRO ने एक तस्वीर के जरिए बताया था कि उसका यान कहां पहुंच गया है और क्या कर रहा है चंद्रयान-3 से संदेश था हे पृथ्वीवासियों मैं चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया हूं। यह कंप्यूटर छवि चंद्रमा और सुदूर पृथ्वी की सतह पर गड्ढे दिखाती है। इसके बाद चंद्रयान-3 से एक और संदेश आया वह चांद के करीब पहुंच गया जी हां 9 अगस्त 2023 की दोपहर जब संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर जोरदार बहस चल रही थी तो हजारों किलोमीटर दूर हमारा चंद्रयान चांद पर उतरने के करीब पहुंच गया
इसरो ने बताया अपना यान कहा पर है
भारत का महत्वाकांक्षी तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 बुधवार को कक्षा में एक और सफल प्रक्षेपण से गुजर गया। आसान भाषा में इसे ऐसे समझें कि चंद्रमा की सतह पर सीधे उतरने से पहले यह छोटे-छोटे ब्रेक ले रहा है और अपनी गति धीमी कर रहा है। 14 जुलाई 2023 को उनके यान ने 5 अगस्त 2023 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश लिया ISRO ने ट्वीट में कहा चंद्रमा की सतह के करीब अब चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 174 किमी x 1437 किमी हो गई है अगली प्रक्रिया 14 अगस्त को सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे के बीच होनी चाहिए
आगे अब क्या होगा
पूरा देश प्रार्थना कर रहा है इस बार सॉफ्ट लैंडिंग होनी चाहिए और हम सही नहीं हमारा यान चांद पर होना चाहिए जैसे-जैसे महत्वाकांक्षी मिशन आगे बढ़ रहा है इसरो चंद्रयान-3 की कक्षा को धीरे-धीरे कम करने और इसे चंद्र ध्रुवों के ऊपर स्थापित करने के लिए कदम-दर-कदम आगे बढ़ रहा है। अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के करीब लाने के लिए दो और प्रक्रियाएं की जाएंगी। 100 किलोमीटर की कक्षा तक पहुंचने के लिए ये प्रक्रियाएं 14 और 16 अगस्त को की जाएंगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया के तहत लैंडर और रोवर वाले लैंडिंग मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग कर दिया जाएगा। धीमी प्रक्रिया से गुजरने के बाद 23 अगस्त 2023 को लैंडर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की जाएगी
इंजन फेल होने पर भी सॉफ्ट लैंडिंग की जाएगी
जी हां इस बार इसरो के वैज्ञानिकों ने ऐसी व्यापक तैयारी की है। ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने हाल ही में कहा था कि चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यहां तक कि अगर सभी सेंसर और दो इंजन काम करने में विफल हो जाते हैं तो भी सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित की जाएगी। ISRO टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्षैतिज विक्रम को चंद्रमा की सतह पर लंबवत उतारना है। एक बार जब लैंडर अलग हो जाएगा तो यह क्षैतिज रूप से आगे बढ़ेगा। ISRO प्रमुख ने यह भी कहा है कि चंद्रयान-3 अच्छी स्थिति में है और सबसे महत्वपूर्ण चरण कक्षा निर्धारण प्रक्रिया होगी जब अंतरिक्ष यान 100 किमी की गोलाकार कक्षा से चंद्रमा के करीब जाना शुरू कर देगा।