देश में गरीब रेखा से जीवन यापन करने वाले सरकार द्वारा मुफ्त राशन देने की योजना वर्ष 2020 से जारी है और देश के बजट को अनाज के स्टोर के मुताबिक केंद्र सरकार इस योजना को दो-तीन महीने तक बढ़ा देती है हम आपको बता दें कि यह योजना खत्म होने वाली थी लेकिन सरकार ने गरीबों की स्थिति को देखते हुए 3 महीने और 31 तारीख को खत्म होने जा रही है लेकिन अभी तक इस को लेकर सरकार द्वारा अधिकारी बयान सामने नहीं आई है हालांकि यह योजना को लेकर मीडिया रिपोर्टर की मने तो इससे गरीबों को इस योजना को बंद होने का झटका भी लग सकता है.
बंद हो सकती है फ्री राशन स्कीम
मीठे प्रोडक्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के पास अनाज वितरण के लिए सीमित स्टॉक भी है लेकिन इसके अलावा खुले बाजार में गेहूं महंगा होता देख सरकार बाजार में गेहूं की खपत को बढ़ा सकती है क्योंकि गेहूं महंगा होने पर देश का हर वर्ग भी प्रभावित हो सकता है इस प्रकार चिंता कर रही है ऐसे में सरकार की पहले कोशिश होगी कि मार्केट में गेहूं की खबर बड़ा में महंगाई पर पूरी नकेल कसी जाएगी इन्हीं बजे उसे जानकर आदि भी जा रहा है कि केंद्र सरकार योजना को आगे बढ़ाने से हाथ भी खींच सकती है लेकिन हालांकि अभी इस को लेकर केंद्र सरकार का आधिकारिक बयान सामने नहीं आ रहा है सभी की नजरें केंद्र सरकार के कदम उठाने पर टिकी हुई है
बाजार में बढ़ गया गेहूं का भाव
गेहूं के दाम बढ़ने की खबर तेजी सामने आ रही है गेहूं का सीधा असर आटे पर भी पड़ सकता है इसी कारण कुछ गेहूं पर आटे की कीमतें भी बढ़ सकती हैं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुले बाजार में गेहूं का भाव बढ़ सकता है करीब ₹26 प्रति क्विंटल गेहूं ₹3000 के पास पहुंच गया है
बाजार में आ सकता है 3000000 टन तक गया हूं
गेहूं के महंगे होने पर सीधा असर आने पर भी पड़ सकता है ऐसे में केंद्र सरकार की कोशिश है कि आटे के दानों की कीमत को हर हाल में कम किया जाए सरकार का दावा है कि कीमतें नियंत्रित तभी हो सकती है जब डिमांड और सप्लाई के आंकड़े संतुलित किए जाएं यानी केंद्र सरकार खुले बाजार में गेहूं बेच दो लोगों की पूर्ति भी हो सकती है मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 3000000 टन के आसपास गेहूं खुले बाजार में बेचा जा सकता है
केंद्र सरकार की क्या है योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार राशन कार्ड धारकों को गरीब परिवार को 5 किलोग्राम हर महीने फिर भी देती है कोविड-19 शुरू की गई इस योजना का मकसद था कि लॉकडाउन के पेट में गरीब परिवारों की परेशानी कम की जाए देश की 80 करोड़ आबादी को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत इस योजना से कवि क्या गया है योजना के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी के साथ 1,118 लाख टन खाद्यान्न तक आवंटित कर दिया गया है।